जिन्दगी की बेवफाई - Hindi Love ...All Love Fourmula In Hindi

Tuesday, November 10, 2015

जिन्दगी की बेवफाई


कभी हमने ना सोचा था कि ऐसा भी होगा,
कि जिन्दगी के ऐसे मोड़ पर आ खड़े होंगे,
जहाँ हर कोई होगा ,पर कोई अपना ना होगा,
किसको खबर थी की आग कैसे लग गई , जो लग सो लग गई,
तो क्या फिर जलते चिता से उठता धुँआ का गुब्बारा ना होगा ।

बहारे आएंगी और कोयल भी गाएगी,
बैठेगी कहाँ जब डाल ना होगा,
फूल खिलेंगे चमन में महकेंगे,
पर कोई भँवरा दिल लगाने वाला ना होगा ।

सागर से मोती चुराने गए थे,
पर जब सागर हीं आँखे चुराने लगे तब,
क्या करेंगे ले कर मोती ,
मोती तो होगा उसमे चाँद ना होगा,

बस पत्थर हीं पत्थर होंगे उसमें भगवान ना होगा ।
सबको अपना समझते थे , सबसे मज़ाक किया करते थे,
क्या मालूम था कि जिन्दगी ऐसा मज़ाक करेगी,
कि हर कोई मज़ाक उड़ाने वाला तो होगा,

पर कोई मज़ाक करने वाला ना होगा ।
इन्तहान देते देते थक गए हम,
बातों और भावनाओं में बह गए हम,
वो इन्तहान आखरी इन्तहान होगा,

जब होंगें खड़े हम नदी के तट पे
और कटता किनारा होगा ।
चलो मान लिया हम इस दुनिया के लिये बने हीं ना थे,
आखरी साँसो तक अकेले गुज़ारा होगा,

दूर दूर तक ऊड़ते रहेंगे तनहाई की रेत,
बस आँसुओ का हीं सहारा होगा ।
थे गँवार ,रह गए एक हीं पल्लू से बँध के,
साथ छोड़ गई वो बड़े वफ़ादारी से बेवफ़ाई करके,
अब मुझे और कहीं जाना गँवारा ना होगा,
खुद को देखेंगे,खुद पर हसेंगे,
ये दिल अब और आवारा ना होगा ।

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