लेकिन दिमाग के ज्यादा इस्तेमाल या रचनात्मकता की गलत परिभाषआ की वजह से कई बार सही साथी मिलने में कई सारी दिक्कतें आती हैं। चलिये क्या हैं वे दिक्कतें जो स्मार्ट और बुद्धिमान लोगों को प्यार ढूंढने में आती हैं।
1. एक्ट्रा स्मार्ट लोगों को प्यार ढूंढने में आती हैं ये परेशानियां
पुराने समय में प्यार को लेकर एक धारणा थी कि यदि हम किसी को प्यार करते हैं तो उससे शादी करना ही उस प्यार की परिणिती है। शादि प्यार को पूरा करती थी और फिर सब ठीक से चलता था। लेकिन अब समय बदल रहा है, लोग बेहद व्यस्थ हो गये हैं। वे प्यार तो करते हैं, लेकिन दिमाग का भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन दिमाग के ज्यादा इस्तेमाल या रचनात्मकता की गलत परिभाषआ की वजह से कई बार सही साथी मिलने में कई सारी दिक्कतें आती हैं। चलिये क्या हैं वे दिक्कतें जो स्मार्ट और बुद्धिमान लोगों को प्यार ढूंढने में आती हैं।
2. मेरा जितना दिमाग़ वाला हो
होशियार होने में कोई बुराई नहीं है, बल्कि हर किसी को होशियार होना चाहिये, लेकिन किसी ओर को कमतर आंकना भी सही नहीं है। हर इंसान में कुछ गुण होते हैं। तो हर बार किसी को उसकी इंटेलिजेंस को कम समझ कर उसे रिजैक्ट कर देना एक परेशानी है। आप किसी को होशियारी को यूंही नहीं आंक सकते हैं।
3. हमें किसी के सहारे की जरूरत नहीं
होशियार होने का ये मतलब कतई नहीं है कि आपको किसी की जरूरत ही नहीं। आप ठीक-ठाक कमा लेते हैं और परेशानियों का हल भी खुद ढूंढ लेते हैं तो इसके ये मतलब नहीं कि आपको किसी साथी की जरूरत ही नहीं।
4. हमारी आज़ादी छीनी नहीं जा सकत
देखिये स्मार्ट और होशियार लोग (खासतौर पर रचनात्मक) अपनी आज़ादी को लेकर बेहद सजग और भावुक होते हैं। लेकिन जीवन साथी के होने का मतलब ये नहीं कि आपकी आज़ादी आपसे छिन जाएगी। सही समझ और बाच-चीत से आप दोनों ही अपने पर्सनल स्पेस को बचा सकते हैं।
5. हमें वास्तविकता में जीने की आदत है
कई रचनात्मक लोग मानते हैं कि जीवनसाथी के साथ रहने के लिये फिल्मी होना पड़ता है। ऐसा नहीं है! आप वास्तविक होकर भी जीवन को बेहतर ढ़ंग से जीवनसाथई केसाथ जी सकते हैं।
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